बड़े तालाब को निहारते हुए जानकी दादी ने कहा था- भोपाल में शांति, खुशहाली का कारण यहां के लोग हैं

राजयोगिनी जानकी दादी ब्रह्माकुमारीज संस्थान की स्थापना के बाद जनवरी 2019 में दूसरी बार भोपाल आईं थीं। वे भोपाल को देखकर बहुत खुश हुईं थीं। उनका कहना था कि भोपाल में बहुत सुकून है। बड़े तालाब को देखते हुए वे लगभग चहकते हुए बोली थीं- भोपाल की शांति, खुशहाली और समृद्धि यहां के लोगों के कारण ही है। उनकी प्रशंसा की जाना चाहिए। प्रकृति ही हमारी समृद्धि है और भोपाल के लोगों ने उसे दिलों और शहर में बड़ी खूबसूरती से बसा के रखा है।


रोहित नगर सेवा केंद्र की बहन बीके डॉ. रीना ने भास्कर को बताया। दादी यहां तीन दिन रुकी थीं। वे यहां आकर इतनी खुश थीं कि उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सभी के साथ संगीत की धुन पर डांस भी किया था। दादी का जन्म 1 जनवरी 1916 को हैदराबाद सिंध, पाकिस्तान में हुआ था। वे 21 वर्ष की उम्र में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आध्यात्मिक पथ को अपना लिया था और पूर्णरूप से समर्पित हो गई थीं। उन्होंने दुनिया के 140 देशों में सेवा केंद्रों की स्थापना कर लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ा।



  • दादी का जन्म 1 जनवरी 1916 को हैदराबाद सिंध, पाकिस्तान में हुआ था

  • 21 वर्ष की उम्र में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आध्यात्मिक पथ को अपना लिया था