- गडकरी ने महात्मा फुले एजुकेशन सोसायटी के 60वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया
- उन्होंने टिकट की मांग करने वाले नेताओं से कहा- आरक्षण से आगे भी कुछ सोचें
नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि आरक्षण दलित, सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े और दबे हुए लोगों को मिलना चाहिए। हालांकि, यह सोच भी सही नहीं है कि किसी को आरक्षण देने मात्र से ही उस समुदाय विशेष का विकास हो जाएगा। मंत्री गडकरी महात्मा फुले एजुकेशन सोसायटी के 60वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान माली समुदाय के कुछ नेताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की मांग की। इस पर गडकरी ने उनसे अपील की कि आप लोग आरक्षण से आगे भी कुछ सोचें। उन्होंने कहा कि जब लोग अपने काम के बूते टिकट पाने में असफल हो जाते हैं तो फिर वो लोग अपनी जाति का कार्ड आगे करते हैं।
गडकरी ने कहा- जॉर्ज फर्नांडिस किस जाति से थे। उन्होंने तो कभी अपनी जाति की बात नहीं की। वे ईसाई थे। इंदिरा गांधी भी सत्ता में अपनी जाति के बूते तो नहीं आई थीं। अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री तब बने, जब दूसरी जाति के लोगों ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया।
गडकरी ने कहा- पहले लोगों ने मुझसे कहा कि महिलाओं को आरक्षण दिया जाना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि जरूर मिलना चाहिए। मगर मैंने उनसे पूछा कि क्या इंदिरा गांधी को आरक्षण मिला था। कई सालों तक उन्होंने देश पर शासन किया। वे बेहद प्रसिद्ध भी हुईं। मैंने पूछा कि वसुंधरा राजे या सुषमा स्वराज को आरक्षण मिला। यह बात भी सही नहीं है कि जिस समुदाय को सबसे ज्यादा आरक्षण मिला है, उसने सबसे ज्यादा विकास किया है।